चौधरी चरण सिंह द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। इसके
कारण ही उत्तर प्रदेश में एक जुलाई 1952 को जमींदारी प्रथा खत्म हुई थी और गरीबों को उनका अधिकार मिला था। हर
साल 23 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ मनाया जाता है।
चौधरी चरण सिंह द्वारा किए गए कार्य
चौधरी चरण सिंह ने 23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट की स्थापना की। इससे पहले, उन्होंने 1939 में विधानसभा में
कृषि उत्पादन बाजार विधेयक पेश किया, 1952 में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया और 1953 में जमींदारी प्रथा को
समाप्त कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री को याद करने के अलावा इस दिन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्व के बारे में
लोगों को जागरुक किया जाता है। आज के दिन किसानों और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में लोगों को शिक्षित
करने के लिए कई जागरूकता अभियान और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
कैसे मनाया जाता है किसान दिवस
इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से बेशक ये कार्यक्रमों आयोजित नहीं हो पाएंगे साथ ही इस बार सरकार की नई कृषि
नीतियों के खिलाफ किसान सड़कों पर प्रदर्शन भी दूसरी वजह है। लेकिन किसान अन्नदाता का साक्षात रूप हैं तो भले ही
इस दिन की रौनक आंदोलन और कोरोना की वजह से थोड़ी फीकी पड़ गई हो लेकिन उनकी महत्वता और जरूरत वैसे
ही बरकरार रहेगी।