आज शनिवार है और आज का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। आज हम आपको शनिदेव की एक पौराणिक कथा बता
रहे हैं जिसमें बताया गया है कि हनुमान जी को शनिदेव ने तेल लगाया था जिससे उनकी पीड़ा कम हो गई थी।
एक बार ऐसा हुआ जब शनि देव को अपने बल और पराक्रम पर बहुत ज्यादा घमंड होने लगा। उन्हें लगने लगा कि उनसे
ज्यादा शक्तिशाली और कोई नहीं। वह इस अंहकार में डूब गए थे। इसी घमंड में शनि देव, हनुमान जी से युद्ध करने चले
गए। शनिदेव यह साबित करना चाहते थए कि उनसे ज्यादा शक्तिशाली दुनिया में और कोई नहीं है। जब वो हनुमान जी
की पास गए तो हनुमान जी एक शांत जगह पर बैठे हुए थे और श्री राम की भक्ति में पूरी तरह लीन हुए।
जैसे ही शनिदेव, हनुमान जी के पास पहुंचें तो वो युद्ध करने के लिए तैयार हो गए। हनुमान जी ने उन्हें बहुत समझाया कि
ऐसा न करें लेकिन वो नहीं मानें। वो अहंकार में चूर थे। उन्होंने हनुमान जी की एक न सुनी और युद्ध के लिए अड़ गए।
फिर दोनों के बीच युद्ध शुरु हुआ। युद्ध में शनिदेव की बुरी तरह हार हुई। वह घायल हो गए जिससे उनके शरीर में बहुत
दर्द हो रहा था। यह हनुमान जी से देखा नहीं गया और वो उनके शरीर की पीड़ा कम करने के लिए शनिदेव को तेल
लगाने लगे। कुछ ही देर में शनिदेव के शरीर की पीड़ा खत्म हो गई। इसके बाद से ही शनि देव पर तेल चढ़ाया जाता है।
मान्यता है कि शनिदेव ने कहा कि जो भी व्यक्ति उन्हें सच्चे मन से तेल चढ़ाएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।