अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन पर सबकी निगाहें टिकी है। बाइडन प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए
हैं कि भारत के साथ उनके संबंध बेहतर रहेंगे। रक्षा सहयोग की दिशा में दोनों देशों के संबंध और मधुर
होंगे। इसके साथ भारत समेत दुनिया की नजर बाइडन की इमीग्रेशन पॉलिसी पर भी होगी। ऐसा इसलिए
भी कि चुनाव प्रचार के दौरान बाइडन ने ट्रंप की इस नीति का जमकर मजाक उड़ाया था। इसके अलावा
बाइडन प्रशासन में चीन और पाकिस्तान को बहुत राहत नहीं मिलने वाली है।राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ
से नामित अमेरिका के नए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने संकेत दिए हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है
कि बाइडन इस नीति में बदलाव करेंगे। आखिर बाइडन प्रशासन में इस नीति में किस तरह का बदलाव
आएगा।
ऑस्टिन ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के साथ मिल कर अमेरिका
ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग की जो शुरुआत की है उससे जुड़ी गतिविधियां और तेज होंगी।
पाकिस्तान को लेकर ऑस्टिन ने अमेरिका की मौजूदा नीतियों में किसी बड़े बदलाव का कोई संकेत
नहीं दिया, लेकिन यह निश्चित तौर पर कहा कि कुछ चयनित क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना के साथ अमेरिकी
सेना के सहयोग को बढ़ाया जाएगा।
- अमेरिका के रक्षा संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में ऑस्टिन ने कहा कि, मोटे तौर
पर भारत के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार के दर्जे
को और मजबूत किया जाएगा। दोनों देशों के मौजूदा रक्षा साझेदारी को लेकर यह सुनिश्चित किया
जाएगा कि उनके साथ साझा हितों के संदर्भ में और सहयोग किया जाए। - अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिहाज से यह जरूरी होगा। उन्होंने यह भी माना कि अल-कायदा
और आइएस जैसे आतंकी संगठनों के खात्मे के लिए भी पाकिस्तान की अहम भूमिका होगी। साथ
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि पाकिस्तान की जमीन का
इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के नहीं किया जाए।