पहले ऐसा माना जा रहा था कि कोविड-19 सिर्फ वयसकों के लिए ही ख़तरनाक साबित होता है, लेकिन नए मामलों में
स्कूल भी शामिल हैं। यूके और ब्राज़ील की तरह भारत भी कोविड-19 की दूसरी लेहर से जूझ रहा है, जो नौजवानों के लिए
सबसे भयानक मानी जा रही है।
कोविड के नए रूप कितने ख़तरनाक हैं?
कोविड के नए रूप, फिर चाहे वह भारत में हाल ही में पाया गया डबल म्यूटेंट वैरिएंट हो, या फिर यूके और ब्राज़ील का
हो, वायरस अब एंट्री रिसेप्टर्स पर आसानी से खुद को जोड़ लेता है और फिर खास सेल लाइनिंग को अटैक करना शुरू
करता है।
बच्चों को क्यों हो सकता है ज़्यादा ख़तरा?
इस वक्त, वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी कोविड-19 मामलों में वृद्धि के लिए बहुत सारे कारक ज़िम्मेदार हैं।
सावधानी बरतने में ढिलाई के साथ, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के खुलने की वजह से
मामले तेज़ी से बढ़े हैं।
किस तरह के संकेत और लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए?
हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि बच्चे वायरस के कारण कई तरह से पीड़ित हो सकते हैं, कुछ में
कोई लक्षण नहीं यानी एसिम्प्टमैटि या फिर बुखार जैसे लक्षण। कोरोना वायरस के क्लासिक लक्षण अब भी बुखार, सिर दर्द,
खांसी और ज़ुकाम हैं।
-लगातार बुख़ार आना
– त्वचा पर चकत्ते, पैरों की उंगलियों का लाल और सूजना
– आंखों का लाल होना
– शरीर में बेहद दर्द होना, जोड़ों में दर्द
-मतली आना, पेट में मरोड़ और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी तकलीफें
– लाल और फटे होंठ, चेहरे और होठों पर नीलापन
– चिड़चिड़ाहट
– नींद न आना, थकावट
कोविड-19 नवजात बच्चों को भी संक्रमित कर सकता है। बच्चों में लक्षणों को पहचानना मुश्किल है, लेकिन इस तरह के
लक्षणों पर ध्यान दें:
– त्वचा के रंग का गहरा होना
– बुख़ार आना
– भूख न लगना, खाने को लेकर चिड़चिड़ापन
– उल्टी आना
-मांसपेशियों में दर्द होना
– होठों और त्वचा पर सूजन
– घाव और छाले आना
बच्चों के लिए वैक्सीन कब आएगी?
बच्चों के लिए वैक्सीन आने में अभी वक्त लगेगा। इसे उपलब्ध होने में अभी कम से कम एक साल का वक्त लग सकता है।
इस वक्त 16 साल से ज़्यादा की उम्र के बच्चों के लिए भले ही वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल
शुरू हो चुके हैं।