भारत ही नहीं, बल्कि कई मुस्लिम बहुल देशों में भी गणपति का खास महत्व है। वहां के नोटों पर भी गणेश जी की तस्वीर देखने को मिलती है।

गणपत्ति बप्पा मोरिया! आज, 7 सितंबर 2024, देश भर में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना जाता है और उनकी पूजा हर शुभ कार्य से पहले की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश की पूजा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी होती है? 

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गणपत्ति बप्पा मोरिया! आज, 7 सितंबर 2024, देश भर में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना जाता है और उनकी पूजा हर शुभ कार्य से पहले की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश की पूजा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी होती है? 


इंडोनेशिया, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है, वहां की मुद्रा (करेंसी) के नोट पर भी भगवान गणेश की तस्वीर छपी हुई है। यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है, पर यह सच है कि इंडोनेशिया के 20 हजार रूपियाह (Rupiah) के नोट पर गणेश जी की छवि है। यह नोट पहली बार साल 1998 में जारी किया गया था। इंडोनेशिया में केवल लगभग 3% हिंदू हैं, जबकि 87.5% जनसंख्या मुस्लिम है, फिर भी वहां के नोट पर गणेश जी की तस्वीर छापने का एक खास कारण है।


दरअसल, इंडोनेशिया में भगवान गणेश को शिक्षा, कला और विज्ञान का देवता माना जाता है, और उन्हें देश की अर्थव्यवस्था की उन्नति का प्रतीक भी माना गया है। 20 हजार रूपियाह के इस नोट पर गणेश जी की छवि के साथ एक कक्षा का चित्र भी है, और नोट पर इंडोनेशिया के पहले शिक्षा मंत्री हजर देवांत्रा की तस्वीर भी है, जिन्हें वहां की आजादी का नायक माना जाता है। हालाँकि, वर्तमान में यह नोट चलन में नहीं है, लेकिन यह दर्शाता है कि गणेश जी का प्रभाव केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी गहरा है।