गुरु पूर्णिमा के दिन इन चीजों का दान करें, रोग-दोष समेत इन समस्याओं से मिलेगी मुक्ति

गुरु पूर्णिमा का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। हर साल यह आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गुरुओं की पूजा की जाती है। इस दौरान पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से जीवन में खुशियां आती हैं और घर की दरिद्रता और रोग-दोष का नाश होता है।

guru purnima

गुरु पूर्णिमा का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। हर साल यह आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गुरुओं की पूजा की जाती है। इस दौरान पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से जीवन में खुशियां आती हैं और घर की दरिद्रता और रोग-दोष का नाश होता है।

अगर आप चाहते हैं कि आपका यह दिन शुभ हो, तो धार्मिक कार्यों में शामिल रहें और सभी पूजन नियमों का पालन करें।

गुरु पूर्णिमा पर क्या दान करें?

गुरु पूर्णिमा पर जल से भरा मिट्टी का घड़ा, अनाज, फल, वस्त्र, और सफेद चीजों (मिठाई-वस्त्र) का दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दौरान दान-पुण्य करने से जीवन में शुभता आती है, आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। माना जाता है कि पूर्णिमा तिथि पर दान-पुण्य के साथ हवन और पूजन भी करना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा की सही तारीख?

वैदिक कैलेंडर के अनुसार, गुरु पूर्णिमा की तिथि 20 जुलाई को शाम 5 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और 21 जुलाई को 3 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी। यह दिन स्नान और दान के लिए बहुत शुभ माना जाता है।

गुरु वैदिक मंत्र:

"ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।  

यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्"।।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय, लाभ, सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण और जागरण न्यू मीडिया इस लेख में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करते हैं। इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं और धर्मग्रंथों से ली गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य या दावा न मानें और अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण और जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ हैं।