मंगला गौरी व्रत से वैवाहिक जीवन होता है खुशहाल। जानें सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत की तारीख और पूजा विधि

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस पवित्र महीने में महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस महीने में हर सोमवार और मंगलवार को व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई को होगा। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि और उपाय के बारे में।

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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस पवित्र महीने में महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस महीने में हर सोमवार और मंगलवार को व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई को होगा। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि और उपाय के बारे में।

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि:

मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और महादेव व माता पार्वती का ध्यान करें। इस दिन हरा, लाल, गुलाबी, और पीले रंग के वस्त्र धारण करें। मंदिर की सफाई कर संकल्प लें। माता पार्वती को 16 श्रृंगार अर्पित करें और शिव जी को धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं। देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का उच्चारण करें। पूजा के दौरान मां मंगला गौरी की व्रत कथा पढ़ें। मां पार्वती से सुखी वैवाहिक जीवन और पति की दीर्घायु की कामना करें। अंत में फल, मिठाई और खीर का भोग लगाएं।

मंगला गौरी व्रत के उपाय:

मंगला गौरी व्रत के दिन स्नान-ध्यान के बाद माता पार्वती की पूजा करें और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। माना जाता है कि इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। सावन के मंगलवार को माता पार्वती के साथ हनुमान जी की भी पूजा करें और उन्हें सिंदूर अर्पित करें। इससे कुंडली में मंगल दोष दूर हो जाता है।