गणेशोत्सव के पावन अवसर पर बप्पा के इन प्रमुख मंदिरों के दर्शन अवश्य करें, जहां एक बार दर्शन करने से आपके जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं

शनिवार, 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी के पवित्र 10 दिवसीय उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक माना जाता है, जिन्हें बुद्धि और ज्ञान के देवता के रूप में पूजा जाता है। इसे 'विनायक चतुर्थी' के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कठिन व्रत करने से व्यक्ति को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जब यह विशेष पर्व (Ganesh Chaturthi 2024) शुरू हो चुका है, तो आइए, बप्पा के कुछ प्रमुख मंदिरों (Temples Of Ganesha Ji) के बारे में जानते हैं, जहां दर्शन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।

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शनिवार, 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी के पवित्र 10 दिवसीय उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक माना जाता है, जिन्हें बुद्धि और ज्ञान के देवता के रूप में पूजा जाता है। इसे 'विनायक चतुर्थी' के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कठिन व्रत करने से व्यक्ति को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जब यह विशेष पर्व (Ganesh Chaturthi 2024) शुरू हो चुका है, तो आइए, बप्पा के कुछ प्रमुख मंदिरों (Temples Of Ganesha Ji) के बारे में जानते हैं, जहां दर्शन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर

मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर पूरी तरह से भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि इस पवित्र स्थान पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, यही कारण है कि यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर की मूर्ति के बारे में मान्यता है कि यह स्वयं प्रकट हुई थी।

बल्लालेश्वर गणपति  

बल्लालेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पाली गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और इसका संबंध बल्लाल नामक एक भक्त बालक की कथा से है। उसकी गहन भक्ति ने भगवान गणेश को प्रकट होने पर विवश कर दिया। यह मंदिर खास इसलिए है क्योंकि यह इकलौता मंदिर है जहां भगवान गणेश को उनके भक्त के नाम से जाना जाता है।

महागणपति मंदिर  

महाराष्ट्र के टिटवाला में स्थित महागणपति मंदिर को अष्टविनायक मंदिरों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहां भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर को हराने के लिए भगवान गणेश का आह्वान किया था। इस मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।