इस राशि के जातक थोड़े समय में ही बन जाते हैं धनवान, शनिदेव की उन पर रहती है विशेष कृपा

राशिचक्र में कुल बारह राशियाँ होती हैं, जिनमें पहली राशि मेष और आखिरी राशि मीन है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देव हैं और इनके आराध्य हनुमान जी हैं। मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध देव हैं और इनके आराध्य भगवान गणेश हैं। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं और इनके आराध्य भगवान शिव हैं। वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र देव हैं और इनके आराध्य माँ दुर्गा हैं। कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं और इनके आराध्य भगवान शिव हैं। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और इनके आराध्य भगवान विष्णु हैं। 

shani dev

राशिचक्र में कुल बारह राशियाँ होती हैं, जिनमें पहली राशि मेष और आखिरी राशि मीन है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देव हैं और इनके आराध्य हनुमान जी हैं। मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध देव हैं और इनके आराध्य भगवान गणेश हैं। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं और इनके आराध्य भगवान शिव हैं। वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र देव हैं और इनके आराध्य माँ दुर्गा हैं। कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं और इनके आराध्य भगवान शिव हैं। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और इनके आराध्य भगवान विष्णु हैं। 


इन राशियों में तुला राशि ऐसी है जिस पर शनिदेव की विशेष कृपा बरसती है। शनिदेव की कृपा से तुला राशि के जातकों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और वे अल्प समय में ही धनवान बन जाते हैं। वर्तमान में शनिदेव कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। इससे मकर राशि के जातकों पर साढ़े साती का अंतिम चरण और कुंभ राशि के जातकों पर दूसरा चरण चल रहा है। मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती का प्रथम चरण और कर्क एवं वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है। 


ज्योतिषियों के अनुसार, तुला राशि में शनिदेव उच्च के होते हैं, जिससे इस राशि के जातकों पर उनकी विशेष कृपा रहती है। शनिदेव करियर और कारोबार के स्वामी हैं, इसलिए तुला राशि के जातकों को इन क्षेत्रों में सफलता मिलती है। शुक्र देव, जो तुला राशि के स्वामी हैं, सुखों के कारक माने जाते हैं और इनके आराध्य माँ दुर्गा हैं। अतः तुला राशि के जातकों को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। तुला राशि के लिए शुभ रंग सफेद है और शुभ अंक 2 और 7 हैं। शनिदेव की कृपा पाने के लिए सोमवार को स्नान-ध्यान के बाद सफेद वस्त्र पहनकर कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें।