क्यों किए जाते हैं रामलला से पहले हनुमानगढ़ी के दर्शन? जानिए इसका कारण
सनातन धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के प्रिय भक्त हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक बजरंगबली की पूजा-अर्चना की जाती है और जीवन के संकटों से मुक्ति पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से प्रभु हनुमान प्रसन्न होते हैं। मंगलवार को हनुमानगढ़ी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इस मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति दक्षिणमुखी है।
सनातन धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के प्रिय भक्त हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक बजरंगबली की पूजा-अर्चना की जाती है और जीवन के संकटों से मुक्ति पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से प्रभु हनुमान प्रसन्न होते हैं। मंगलवार को हनुमानगढ़ी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इस मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति दक्षिणमुखी है।
यह है कारण
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान श्री राम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे, तो उन्होंने हनुमान जी को यह स्थान रहने के लिए दिया था। इसी वजह से हनुमानगढ़ी मंदिर को बजरंगबली का निवास माना जाता है।
त्रेतायुग में भगवान राम ने हनुमान जी से कहा था कि जब कोई साधक उनके दर्शन करने अयोध्या के राम मंदिर आएगा, तो पहले उसे हनुमान जी के दर्शन करने होंगे। इसलिए आज भी श्रद्धालु रामलला के दर्शन से पहले हनुमानगढ़ी मंदिर जाते हैं।
दर्शन से मिलने वाले लाभ
अयोध्या में हनुमानगढ़ी मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है। धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यहां बजरंगबली को लाल चोला अर्पित करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, बजरंगबली की कृपा से समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
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