बरसात के आते ही Waterborne Disease के मामले बढ़ने लगते हैं, डॉक्टर ने इसके कारण और बचाव के उपाय बताए

चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी के बाद आखिरकार देश के कई हिस्सों में मानसून का आगमन हो चुका है। बरसात के मौसम में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, जिससे कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के अलावा इस मौसम में जलजनित संक्रमण का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।

water borne diseases

चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी के बाद आखिरकार देश के कई हिस्सों में मानसून का आगमन हो चुका है। बरसात के मौसम में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, जिससे कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के अलावा इस मौसम में जलजनित संक्रमण का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।

अगर इन बीमारियों का समय पर इलाज न किया जाए, तो ये गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा बनाए रखने के लिए इस मौसम में कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। इस लेख में हम एक्सपर्ट्स की मदद से जानेंगे कि गर्मियों में वॉटर बॉर्न डिजीज का खतरा क्यों बढ़ जाता है और इनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।

वॉटर बॉर्न डिजीज क्यों बढ़ जाती हैं?

नोएडा के न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के प्रमुख डॉ. विज्ञान मिश्र के अनुसार, बरसात के बाद जलजनित बीमारियों में वृद्धि होती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां बढ़ जाती हैं। बारिश का पानी जब दूषित पदार्थों के साथ मिलकर जमा हो जाता है, तो यह बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रसार का कारण बन सकता है।

जलजनित बीमारियां कैसे फैलती हैं?

बारिश के बाद जलजनित बीमारियों का मुख्य कारण सीवेज सिस्टम का ओवरफ्लो होना है। लगातार बारिश से सीवर का बुनियादी ढांचा प्रभावित होता है, जिससे सीवेज में मौजूद दूषित पानी नेचुरल वॉटर बॉडीज में मिल जाता है। इस तरह सीवेज में पानी में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स जैसी हानिकारक कीटाणु हैजा, टाइफाइड बुखार और डायरिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

मानसून में बीमारियों से बचने के टिप्स:

1. स्ट्रीट फूड से बचें: बरसात के मौसम में फूड बॉर्न डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए स्ट्रीट फूड्स से परहेज करें और बाहर का खाना जितना हो सके कम करें।

2. बोतलबंद या फिल्टर्ड पानी का इस्तेमाल करें: पानी की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं, तो बोतलबंद पानी का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, क्लोरीन की गोलियों का उपयोग करके पानी को कीटाणुरहित किया जा सकता है।

3. पानी उबालकर और छानकर पिएं: पानी में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए इसे उबालकर और छानकर पिएं। यूवी-फिल्टर्ड वॉटर प्यूरिफायर का भी उपयोग कर सकते हैं।

4. साफ-सफाई का ध्यान रखें: बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं से दूर रहने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हाथों को बार-बार साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं, खासकर खाना बनाने और खाने से पहले।

5. अपने आसपास सफाई रखें: मानसून में बीमारियों से बचने का सबसे कारगर तरीका है अपने आसपास सफाई बनाए रखना। घर के आसपास के गटर और नालियों से मलबा हटा दें, जो मच्छरों और अन्य बीमारी फैलाने वाले वैक्टरों के पनपने की वजह बन सकते हैं।