तो नेता क्या गोल गप्पे बेचेगा,' शंकराचार्य के बयान पर क्यों नाराज हुईं कंगना रनौत?

हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से लोकसभा सांसद कंगना रनौत अक्सर कई मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी करती रहती हैं। अब उन्होंने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को लेकर बयान दिया है। उन्होंने शंकराचार्य पर कटाक्ष करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है। कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लंबा पोस्ट भी लिखा है।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • शंकराचार्य पर भड़कीं कंगना रनौत

हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से लोकसभा सांसद कंगना रनौत अक्सर कई मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी करती रहती हैं। अब उन्होंने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को लेकर बयान दिया है। उन्होंने शंकराचार्य पर कटाक्ष करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है। कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लंबा पोस्ट भी लिखा है।


ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अक्सर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में मुंबई में उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। सनातन धर्म में विश्वासघात एक बहुत बड़ा पाप है। महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर आए बयान के बाद किसी ने उनकी आलोचना की, तो किसी ने समर्थन। अब बॉलीवुड क्वीन और बीजेपी नेता कंगना रनौत ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है।


शंकराचार्य पर भड़कीं कंगना रनौत


हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से लोकसभा सांसद कंगना रनौत ने शंकराचार्य पर निशाना साधा है। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है। कंगना ने कहा कि शंकराचार्य जी ने अपनी शब्दावली और अपने प्रभाव और धार्मिक शिक्षा का दुरुपयोग किया है।


कंगना ने एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है, "राजनीति में गठबंधन, संधि और एक पार्टी का विभाजन होना बहुत सामान्य और संवैधानिक बात है। कांग्रेस पार्टी का विभाजन 1907 में और फिर 1971 में हुआ। अगर राजनीति में राजनीतिज्ञ राजनीति नहीं करेगा, तो क्या गोलगप्पे बेचेगा?


धर्म यह भी कहता है कि अगर राजा ही प्रजा का शोषण करने लगे, तो राजद्रोह ही आखिरी धर्म है। शंकराचार्य जी ने महाराष्ट्र के हमारे माननीय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी को अपमानजनक शब्दावली से गद्दार, विश्वासघाती जैसे आरोप लगाते हुए हम सब की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। शंकराचार्य जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें करके हिंदू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।"


बता दें कि शंकराचार्य उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी के विवाह समारोह में भाग लेने मुंबई गए थे। शंकराचार्य उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास पर भी गए थे। तब उन्होंने कहा था कि जिस तरीके से विश्वासघात करके एक हिंदूवादी पार्टी को तोड़ा गया, उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, वह ठीक नहीं है। जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान नहीं हो जाते, तब तक हम सबके मन में पीड़ा और दर्द दूर नहीं हो सकता।