बोरियों की तुलना में पेपर बैग एक सस्ता विकल्प था, और साल-दर-साल इसमें कई बदलाव होते रहे, जिसके बाद इसे मॉडर्न स्वरूप मिला

कुछ समय पहले तक प्लास्टिक बैग्स का ही हर जगह बोलबाला था। चाहे ग्रोसरी स्टोर्स हों, रीटेल बिजनेस हों या घर के रोजमर्रा के कामकाज, हर जगह प्लास्टिक बैग्स का उपयोग होता था। प्लास्टिक हमारी सेहत के लिए काफी हानिकारक है और पर्यावरण पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से, जब प्लास्टिक बैग्स के विकल्प के रूप में पेपर बैग्स आए, तो ये बहुत ही तेजी से लोकप्रिय हो गए। पेपर बैग्स ने जल्द ही हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया और अब लगभग हर जगह इनका उपयोग हो रहा है। पेपर बैग के इस आविष्कार की याद में हर साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं पेपर बैग की खोज के बारे में।

paper bags

कुछ समय पहले तक प्लास्टिक बैग्स का ही हर जगह बोलबाला था। चाहे ग्रोसरी स्टोर्स हों, रीटेल बिजनेस हों या घर के रोजमर्रा के कामकाज, हर जगह प्लास्टिक बैग्स का उपयोग होता था। प्लास्टिक हमारी सेहत के लिए काफी हानिकारक है और पर्यावरण पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से, जब प्लास्टिक बैग्स के विकल्प के रूप में पेपर बैग्स आए, तो ये बहुत ही तेजी से लोकप्रिय हो गए। पेपर बैग्स ने जल्द ही हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया और अब लगभग हर जगह इनका उपयोग हो रहा है। पेपर बैग के इस आविष्कार की याद में हर साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं पेपर बैग की खोज के बारे में।

बोरियों का सस्ता विकल्प

पेपर बैग्स के आने से पहले टोकरियां, कटोरे और अन्य कंटेनर स्टोरेज के लिए उपयोग किए जाते थे। पेपर बैग्स का आविष्कार एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ। जूट, कैनवास और बर्लेप से बनी बोरियां सामान रखने और ले जाने के लिए इस्तेमाल होती थीं क्योंकि ये मजबूत और टिकाऊ होती थीं। लेकिन इन्हें बनाना समय-साध्य और महंगा था। दूसरी ओर, कागज के बैग का उत्पादन बहुत कम लागत पर किया जा सकता था, और जल्द ही ये व्यापार मार्गों पर प्रमुख सामग्री बन गए।

पहली पेपर बैग मशीन

1800 के दशक की शुरुआत में पेपर बैग्स में कई अपडेट्स हुए। 1852 में फ्रांसिस वॉल ने बड़े पैमाने पर पेपर बैग बनाने वाली पहली मशीन का आविष्कार किया। वॉल की मशीन से बने पेपर बैग एक बड़े मेलिंग लिफाफे की तरह दिखते थे और इन्हें छोटी वस्तुओं और दस्तावेजों को ले जाने के लिए उपयोग किया जाता था। पेपर बैग की डिजाइन में अगला महत्वपूर्ण योगदान मार्गरेट नाइट का था, जो कोलंबिया पेपर बैग कंपनी में काम करती थीं। 

चौकोर तले वाले पेपर बैग्स

मार्गरेट नाइट ने महसूस किया कि चौकोर तले वाले बैग्स ज्यादा उपयोगी होंगे। उन्होंने एक औद्योगिक दुकान में पेपर बैग बनाने की मशीन बनाई, जिससे पेपर बैग का बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव हुआ। उनकी मशीन ने इतना लाभदायक साबित हुई कि उन्होंने अपनी खुद की कंपनी, ईस्टर्न पेपर बैग कंपनी की स्थापना की।

पेपर बैग का प्लीटेड साइड

पेपर बैग को उसका चौकोर आकार मिलने के बाद भी इसमें एक चीज की कमी थी, जो आज के पेपर बैग्स में देखने को मिलती है। यह पेपर बैग का प्लीटेड साइड था। इसे चार्ल्स स्टिलवेल ने संभव बनाया। उन्होंने पेपर बैग को मोड़ने योग्य बनाया, जिससे इन्हें स्टोर करना आसान हो गया। स्टिलवेल के डिजाइन को आमतौर पर S.O.S. बैग या “self-opening sacks” कहा जाता है।

हैंडल का आविष्कार

1918 में लिडिया और वाल्टर ड्यूबनेर ने पेपर बैग्स के किनारों में छेद करके और एक स्ट्रिंग जोड़कर हैंडल प्रदान किया, जिससे पेपर बैग का निर्माण पूरा हुआ। इस प्रकार, पेपर बैग का विकास और सुधार का सफर पूरा हुआ और आज ये हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं।